600 ईसाई-हिंदू जमीन पर वक्फ बोर्ड का 404 एकड़ जमीन पर दावा, कोर्ट चुप, वकील चुप, मीडिया चुप, राजनीतिक पार्टियां चुप, तथाकथित किसान चुप, सनातन धर्म को डेंगू मलेरिया की बीमारी बताने वाले चुप, रामायण की पुस्तकों को पैरो से कुचलने वाले चुप, ब्राह्मणों और क्षत्रियों का भय दिखाने वाले चुप, RSS से डराने वाले चुप, सावरकर को गद्दार बताने वाले चुप।
वक्फ बोर्ड को ताक़त उन्ही पार्टियों ने दी है जो सनातन धर्म को डेंगू मलेरिया की बीमारी बता कर वोट काट रहे थे, और उसका परिणाम बटेंगे तो कटेंगे के रूप में सबके आगे है।
केरल वक्फ बोर्ड के इस दावे के खिलाफ 600 परिवार अब सड़क पर उतर आए हैं और बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अब पछताय होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत।
केरल की डेमोग्राफी ब्राह्मणों और क्षत्रियों का भय दिखा दिखा कर पिछले कुछ दशकों से या कह दो मालाबार हिंसा के बाद से पूरी तरह बदल गयी है।
आज भी जितनी पार्टियाँ राजनीति करती है तो वे भी सिर्फ ब्राह्मणों और क्षत्रियों का भय दिखा कर ही कर रही है। लेकिन अब जो वास्तविक भय था वह निकल कर सामने आ रहा है।
आज इन 600 परिवार की सहायता या न्याय के लिए कितनी राजनीतिक पार्टियां आगे आ रही?
कितने मीडिया चैनल न्याय की बात कर रहे है? वे समाचार चला कर चुप हो जाते है।
आज इन्हे कौन सा संविधान उन्हें बचा रहा है ?
क्या कोर्ट स्वतः संज्ञान ले रही है?
क्या कोई वकील सुप्रीम कोर्ट में भाग रहा है?
कहाँ है सनातन धर्म को डेंगू मलेरिया की बीमारी बताने वाले?
कहाँ है रामायण की पुस्तकों को पैरो से कुचलने वाले ?
Waqf Board claims 404 acres of land on 600 Christian-Hindu lands, court silent, lawyers silent, media silent, political parties silent, farmers silent, those who call Sanatan Dharma a disease like dengue and malaria silent, those who trample the books of Ramayana under their feet silent, those who scare people about Brahmins and Kshatriyas silent, those who scare people with RSS silent, those who call Savarkar a traitor silent
धर्मो रक्षति रक्षितः
डिस्क्लेमर - यह लेखक के अपने विचारो पर आधारित एक ब्लॉग मात्र है।
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